माई हार्ट विल गो आन !
‘माई हार्ट विल गो आन !’?
जैक डॉसन के प्रेम में डूबी चंचल,शोख,बिंदास और जीवन से भरपूर, 17 वर्षीय रोज़ डेविट् बुकेटर , आज अपने जीवन में एक ऐसे अलौकिक अहसास की अनुभूति कर सदा के लिए फिर उसी अहसास के साथ जीने वाली थी जहां दो लोग हमेशा के लिए बिछड़ कर फिर सदा के लिए एक हो जाते हैं!
क्या ऐसा संभव है ?
अटलांटिक महासागर में RMS टाइटैनिक डूबने के बाद वहां की बर्फीली ठंड और अपने आगोश में लेने को बेताब जानलेवा उफनती लहरों के बीच अपने जीवन को बचाने के लिए जद्दोजहद करती , तैरते हुए एक तख्ते पर लेटी रोज़ अपने प्रेमी जैक की मुंदती आंखों को इस मौत के सन्नाटे में बड़ी मुश्किल से ढूंढ पाती है और कंपकंपाती आवाज़ में अाखिरी अलविदा करते हुए कहती है ” आई लव यू जैक!”
जैक उसका हाथ थाम लेता है और कहता है “रोज़ , नहीं , तुम ऐसे गुड बाय नहीं कह सकती ! देखो , तुम हार मत मानना प्लीज़ , ऐसा मत करो। ”
रोज़ – “मुझे ठंड लग रही है जैक !”
जैक -” सुनो , हम बहुत जल्दी यहां से बाहर निकलने वाले हैं , तुम्हें अभी और आगे जाना है रोज़, तुम्हें आगे जाना है बहुत, तुम्हारे बहुत सारे बच्चे होंगे , तुम उन्हें बढ़ते हुए देखोगी , तुम एकदम बूढ़ी होकर मरोगी रोज़, तुम ऐसे नहीं मरोगी , तुम अपने गर्म,आरामदायक बिस्तर में मरोगी , यहां इस रात की ऐसी ठंड में नहीं! तुम समझ रही हो न , मैं क्या कह रहा हूं ?”
रोज़ बिल्कुल शांत है , बस आसमान में ही एकटक घूर रही है। शायद वह सच्चाई जानती है कि जैक उसे झूठा दिलासा दिला रहा है , और उन्हें बचाने कोई नहीं आएगा !
रोज़ जैक के पीछे देखती है कि टाइटैनिक के एक अधिकारी वाइल्ड ने हिलना बंद कर दिया शायद वह मर चुका है !
जैक फिर कहता है ,”रोज़ , प्लीज़ मुझसे वादा करो कि तुम जीवित रहोगी, कभी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानोगी चाहे कुछ भी हो जाए … कितना भी निराशाजनक जीवन क्यों न हो … अब मुझसे वादा करो, और उस वादे को हमेशा कायम रखना !”
रोज़ “जैक , मैं वादा करती हूं, मै कभी हार नहीं मानूंगी ।”
वह जैक का हाथ अपने हाथों में कसकर जकड़ लेती है और फिर वे दोनों एक साथ अपने सिर को सटाकर लेट जाते हैं।
इसी के साथ ही चारों ओर मौत का सा सन्नाटा पसर जाता है!
अब सब शांत है, सिवाय पानी की लहरों के बहाव की तेज़ आवाज़ के!
कुछ देर बाद रोज़ जैक को पुकारती है लेकिन वह तो उसके दिल के भीतर अपने प्रेम और सुनहरे भविष्य की उम्मीद की रौशनी जला कर दूसरी दुनिया में चला जाता है!
रोज़ नम आँखों से जैक को धीरे-धीरे महासागर की क्रूर लहरों के आगोश में जाते हुए देखती रहती है लेकिन तभी कहीं अचानक उसे अपने दिल के भीतर यह भी अहसास होता है कि जैक कहीं गया नहीं है बल्कि जैक उसकेे दिल में हमेशा जीवित रहेगा और इसी साथ के भरोसे वह जीवन की जंग भी जीत जाती है!
तभी तो आज भी जैक से अलग होकर , लगभग 85 साल बीतने के बाद भी 100 वर्षीय रोज़ डासन , अपने प्यार को याद करते हुए यही कहती है कि “उसके पास जैक की कोई फोटो तो नहीं लेकिन वह जिस पल मुझसे बिछड़ा तभी से मेरे दिल में जिंदा है ! तस्वीर की कभी ज़रूरत महसूस ही नहीं हुई !”
Love can touch us one time and
lasts for a life time !
And never let go till we’re one !
सच ही तो है न !
टाइटैनिक के इस गीत का सार भी यही है कि प्यार हमारी आत्मा को जब एक बार छू लेता है तो फिर कभी कहीं नहीं जाता और दो दिलों के बीच कोई भी दूरी मायने नहीं रखती !
सच्चा प्रेम मौत के बाद भी जीवित रहता है !
फिल्म के आखिरी दृश्य में 100 वर्षीय रोज़ बिल्कुल वैसे ही अपने गर्म , आरामदायक बिस्तर में अपनी आखिरी सांसे लेती है .. जिस प्रकार जैक ने उसे बताया था !
रोज़ , अपनी आखिरी सांस लेकर , आँखें बंद होते ही वापिस समय के चक्र को चीरती हुई , फिर से वही 17 साल की अल्हड़, बिंदास रोज़ बन टाइटैनिक के अन्य मृत यात्रियों के बीच सीढियों पर उसका इंतज़ार करते जैक के पास पहुंच जाती है और जैक और रोज़ अपने उसी पहले और आखिरी चुंबन के साथ हमेशा-हमेशा के लिए एक हो जाते हैं !
सच्चा प्यार समय की हर सीमा और बंधन के पार होता है !
Love was when I loved you
One true time I hold to
In my life we’ll always go on
Near, far, wherever you are
I believe that the heart does go on
Once more you open the door
And you’re here in my heart
And my heart will go on and on
There is some love that will not go away
You’re here, there’s nothing I fear,
And I know that my heart will go on
We’ll stay forever this way
You are safe in my heart
1997 में रिलीज़ हुई ,जेम्स कैमरान द्वारा निर्देशित, ब्लाकबस्टर फिल्म टाइटैनिक का यह गीत “माई हार्ट विल गो ऑन” कनैडियन गायिका सेलीन डायोन द्वारा गाया गया है और इसे फिल्म के थीम सांग के रूप में रखा गया है।
इस गीत का संगीत जेम्स हॉर्नर द्वारा तैयार किया गया था, गीत को विल जेनिंग्स द्वारा लिखा गया था |
इस गीत को सुनने वाले यदि इसके शब्दों का अर्थ न भी जानते हों तब भी इसका संगीत इस गीत के शब्दों के हर भाव को आपके दिल तक पहुंचाने में पूरी तरह से सक्षम है!
एक अद्भुत और जादुई गीत की यही विशेषता है!
जब भी हम प्रेम में होते हैं तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने दूर या पास हैं , दिल में हमेशा उसकी उपस्थिति इतनी गहरी महसूस होती है कि हम हमेशा उसे अपने साथ महसूस कर सकते हैं ! ऐसा लगता है जैसे हमारे इस प्यार में समय, स्थान, दूरी कुछ भी मायने नहीं रखता है। उस पल में हम दोनों के अलावा कुछ भी नहीं होता है। ‘ हमने अपने प्यार को जिस प्रकार जीया , फिर चाहे वह कुछ ही पलों के लिए ही क्यों न हो , आंखे बंद करते ही वह सब फिर से ताज़ा और वास्तविक लगने लगता है !
और ये प्यार , हमारे एक दूसरे के दूर रहने और यहां तक की मौत के बाद भी एकदूजे के दिलों में सदियों तक सुरक्षित रहता है !
सच्चे प्रेमी जहां, जिस पल बिछड़ते हैं उनके लिए वक्त कभी आगे नहीं बढ़ता , वहीं ठहर जाता है , और हम जब चाहे अपने दिल का दरवाजा़ खोलकर उस पल को फिर से जी लेते हैं !
हम यह भी कह सकते हैं कि यदि हम किसी से सच्चा प्यार करते हैं तो उसकी शारीरिक उपस्थिती कभी कोई मायने नहीं रखती और क्योंकि वह हमारे दिल में है तो हम जब चाहे दिल के दरवाज़े खोल , भीतर दाखिल होकर उससे मुलाकात कर , वापिस उन्हीं लम्हों को जी सकते हैं जो सबसे बेहतरीन थे !
इस प्रकार सच्चे प्यार के साथ हम अपने पूरे जीवनकाल में कभी अकेले नहीं हो सकते अगर हम किसी से सच्चा प्यार करते हैं चाहे वह दूरी हो या मृत्यु कुछ भी हमें अलग नहीं कर सकती |
इस गीत को सुनते वक्त यदि आपकी आंखे नम न हुई तो समझिएगा कि आप अभी सच्चे प्रेम की अनुभूति से अछूते हैं !
ईश्वर जल्द ही आपको उस अनुभूति से रूबरू कराएं !
– गीत साभार टाइटैनिक
~ Sugyata