मां
यह झूठा सब संसार है
मां सच्चा तेरा प्यार हे,
तू तीर्थों मे है हरिद्वार
तू नदियों मे है गंगद्वार
तेरे चरण छोड़ कहाँ जाऊं मां
मेरे जीवन का तू प्राणाधार
है सत सत कोटी नमन तुझे
जो तूने जन्म दिया मुझे
तेरा ऋण कैसे चुकाऊं मां
सर्वत्र तेरी ही जय गूँजे
कभी छोड़ मुझे मत जाना मां
यह दर्द नही सह पाऊंगा
है लिपट लिपटकर रो रो के
तेरे चरणों में मर जाऊंगा
सहस्त्रों नदियों की लड़ी है तू
‘पर्वत’ से कई बड़ी है तू
मेरे जीवन की एक कड़ी है तू
मेरे पीछे सब से लड़ी है तू