मां
मां
मां, मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी,
जब मैं छोटा बच्चा था,
मुझको कुछ ना आता था,
छोटी सी आहट पाकर,
आंचल में छुप जाता था ।।
मां, मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी ,
सूर लता का तुझेमें छिपा
लोरी गा के सुनाती, मुझे ।।
मुझमें समाया है ,तेरा संसार
तेरा आंचल में मेरा संसार।
मां , मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी,
सरस्वती जी का वरदान
स्नेह मुझे मिला तुझसे।
वैद्यसाला की तू मेरी वेद,
बिन बोले तू समझे सब।
भूत पिचास निकट ना आए
काला टीका देख कर सब।
मां , मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी,
मुझे जो पसंद तुझे
है तुझ वहीं पसंद मां।
चूल्हा में वहीं रहता
मेरे मुंह से लाता लार।
मां , मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी
असहनीय दर्द की वजह,
अर्पण किया मैंने तुझको
आलिंगन से स्वीकारा तुने ।
मां , मेरी प्यारी मां,
सुन लो ना बात मेरी,
सहजा मेरे सपनों को
अपना सपनों का बलिदान,
अम्मा, जननी, मम्मी
जाने तेरे कितने नाम ?
गौतम साव