#मां#
मां
तुम हो तो आंगन में धूप का बिछौना है,
तुम्हारा रजकण ही हमारा दिठौना है,
तुम्हारी पूजा-आरती, धूप अगरबत्ती की खुश्बू से
घर गंगाजल सा पवित्र है,
तुलसी का चौरे में
रसोई में पकवानों की खुश्बू,
अलगनी पर सूखते कपड़े,
तुम्हारे होने का सुखद अहसास हैं,
तुम से ही मेहमानों का आगत है,
तुमसे ही तो प्यारी सी नोंक-झोंक है,
तुम हो तो जिंदगी गुलज़ार है
तुमसे ही तो है दुनिया सतरंगी
ममता जैसा शब्द खो गया है कहीं
इस मतलबी प्यार की दुनिया में
सब कुछ तुमसे ही तो है मां
तुम नहीं तो, कुछ भी नहीं