मां
मन जो ठहरे एक पल मेरा, याद तुम्ही आ जाती हो
सूखी आखों को आंसू से, गीला तुम कर जाती हो
पापा अब भी डांटा करते, मां तुम प्यार जताती थी
तेरी बोली मीठी मेरे, कानो में घुल जाती थी
जाते जाते कुछ ना बोली,अब सपनो में आती हो
कुछ कहती नहीं भला क्यूं ,चुप सी तुम हो जाती हो
सपना टूटेगा,जागूंगा,याद तुम्हारी आयेगी
ना चूमोगी माथे को ,बाहों में ना तुम आओगी
फिर भी सपनो में ही मिल, मुझसे कुछ बातें किया करो
गोद में मेरे सर को रखकर ,थपकी ही तुम दिया करो
तुम्हें देखते देखते मुझको,नींद अगर जो आये मां
तब भी मुझको छोड़ अकेला, कहीं नहीं तुम जाना मां
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