मां
बन्धु झुको और नीचे झुको और उसके पैर छू लो
वह माँ है
बहुत सम्भव है ऐसा करने में तुम्हारे पेंट की क्रीज खराब हो जाये
किंतु उसके झुर्रीदार चेहरे और विवाई फटे पैरों का
तुम्हारे पेंट की क्रीज से बहुत गहरा सम्बन्ध है ।
बन्धु झुको और नीचे झुको और उसके पैर छू लो
वह माँ है।।
[माँ के निश्छल प्रेम की ,दूजी नहीं बिसात ।
माँ तो माँ होती सदा , कैसे भी हालात।।
कैसे भी हालात ,लुटाती केवल ममता ।
सबसे है सम भाव परोसे केवल समता ।।
चेहरे पर हर खुशी , भले हो अन्तस् पीड़ा ।
हर विपदा हो दूर , उठाती बस शुचि बीड़ा।।
सुंदर सौम्य सरल होती है
सब प्रश्नों का हल होती है
हम क्या हैं,ये हम ही जानें
“मॉ” तो ‘गंगाजल’ होती है