मां
ये पंक्तियां उस तबके के लिए है जो ये साबित करतीं हैं कि माँ से बड़ा योद्धा कोई नहीं होता है… और इन सभी माँओं को मेरा सलाम
हर वक़्त तेरा 1 रोटी कम खाना
कुछ घरों में मैनें देखा है,
महज पानी पीकर तेरा सो जाना।
देखा है मैनें.. तेरा खून की बूंदों से अपनें बच्चों का सपना सजाना।
ईश्वर में नहीं है इतनी क्षमता, की कर पाये वो तेरी समता
तेरी साड़ी जरा फट सी गई है, पर इसकी तुझे फिक्र ही नहीं है मेरे लिए फ्रॉक जो लाना है।
अक्सर सुन लेती है तू तानें इन तथाकथित अमीरों के, क्योंकि मुझे बड़ा आदमी जो तुझे बनाना है। पर अवसर देती है तू मुझको शिक्षा की कभी किसी को छोटा जानकर उसका सर नहीं झुकना है।
यूँ तो हर माँ को बेहद फिक्र होती हैं अपने बच्चों की।
पर तेरा इस फिक्र में सो जाना, की सुबह अपने बच्चों के लिए रोटी भी तो लाना है।
खून के कतरों से तूनें बड़ा किया, बहुत मुश्किल तेरा कर्ज़ चुकाना है।
ईश्वर नहीं कर सकता हर ख्वाहिशें पूरी, इसलिए उस सृष्टि रचयिता ने भी भगवान से उत्तम माँ को माना है।