मां स्कंदमाता
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🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे…,
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙
🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा का स्वरूप:मां स्कंदमाता
नवरात्र के पांचवे दिन दुर्गाजी के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा और अर्चना की जाती है-स्कंद शिव और पार्वती के दूसरे और षडानन (छह मुख वाले) पुत्र कार्तिकेय का एक नाम है…,
स्कंद की मां होने के कारण ही इनका नाम स्कंदमाता पड़ा- माना जाता है कि मां दुर्गा का यह रूप अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है और उन्हें मोक्ष का मार्ग दिखाता है- मां के इस रूप की चार भुजाएं हैं और इन्होंने अपनी दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद अर्थात् कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है और इसी तरफ वाली निचली भुजा के हाथ में कमल का फूल है-बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा है और नीचे दूसरा श्वेत कमल का फूल है- सिंह इनका वाहन है-क्योंकि यह सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं इसलिये इनके चारों ओर सूर्य सदृश अलौकिक तेजोमय मंडल सा दिखाई देता है,सर्वदा कमल के आसन पर स्थित रहने के कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है।
मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
श्लोक:
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
Affirmations:
71.मैं जीने के योग्य हूं…,
72.मै एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर रहा हूं जहां एक दूसरे से प्रेम करना सुरक्षित हैं…,
73.मै सब सीमाओं से ऊपर ऊठ सकता हूं…,
74.मुझे स्वेच्छा से जीने का अधिकार है…,
75.मै अब केवल अपनी अच्छाई देखना चाहता हूं…,
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱