मां मन जागे उच्च विचारों में
मां मन के सब कलुष नशाओ
मन लागे नहीं विकारों में ….. मां
काम क्रोध और लोभ मोह का
मेरे मन पर डेरा है
चंड मुंड बन हे मां मेरी
चौतरफा से घेरा है
मां मेरा जीवन शुभ़ बने
मन जागे उच्च विचारों में ….. मां
जीवन का अज्ञान नशाओ
ज्ञान प्रकाशो मन में ….. मां
रोग शोक संताप नशाओ
सुख संतोष हो घर में .…. मां
हे मां गौरी कल्याण करो
बैठो जन के मन में ….. मां
जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी