मां बाप
मां बाप हद से गुजर जाते हैं।।
बच्चों के लिए वो ज़माने से लड़ जाते हैं।। अपने अरमानों को दबाकर दिल मे।
बच्चों की ख्वाहिशों को पूरा कर जाते हैं।। न जाने किस मिट्टी से बनते हैं ये।।
जो टूट कर भी फिर जुड़ जाते हैं।। मां के आंचल मे जाकर हम सब भूल जाते हैं।।
पिता की उंगली पकड़कर संसार घूम आते हैं।। मां ने जिंदगी को जीना सिखाया।।
पिता ने मुश्किलों से लड़ना सिखाया।। इनका कर्ज़ न कभी चुका पाएंगे।।
भूले से भी इनको न भूला पाएंगे।। वो बच्चे खुशनसीब होते हैं।।
जो जिंदगी अपनी मां बाप के नाम कर जाते हैं।।
कृति भाटिया।