मां बाप की आंखें याद हो जिसे
अपने युग का तू सितारा होना
तू भी किसी का सहारा होना
मां बाप की आंखें याद हो जिसे
मुमकिन नहीं उसका आवारा होना,
सदानन्द कुमार
समस्तीपुर बिहार
अपने युग का तू सितारा होना
तू भी किसी का सहारा होना
मां बाप की आंखें याद हो जिसे
मुमकिन नहीं उसका आवारा होना,
सदानन्द कुमार
समस्तीपुर बिहार