मां – पापा क्या आप थकते नहीं हो….
मां – पापा क्या आप थकते नहीं हो….
ये सवाल एक बहु व बेटी ,हर दिन अपने माता-पिता से करती है….
क्योंकि, दुर्भाग्यवश कई माता-पिता आज भी बड़ी उम्र में तन्हां जीवन बसर कर रहे हैं, किसी को बेटा नहीं है,तो किसी को बेटा बहु होते हुए भी उनका सुख नहीं है,,,
आज इसी पीड़ामय अहसास को मैंने अपने शब्दों में व्यक्त करने की कोशिश की है……
कोई त्रुटी हो तो क्षमा कीजिएगा
रोज वही दिनचर्या जी जीकर कभी कभी बहुत खफ़ा हो जाती हूं…..
मां – पापा आप 75+ की उम्र पर आकर भी वही जिंदगी जी रहे हो…. क्या आप थकते नहीं हो
जिम्मेदारियां निभाते निभाते कई बार , दिल करता है बस अब और नहीं ….
मां – पापा आप आज भी न चाहते हुए भी अपने दायित्व निभा रहे हो…. क्या आप थकते नहीं हो
कयी बार शरीर में ताकत नहीं लगती, कुछ करने की
मां – पापा आप आज भी चाहकर भी ये कह नहीं सकते की आज हममें कुछ करने की हिम्मत नहीं है
क्या आप थकते नहीं हो….
बीमार होने पर मां होने के बावजूद,मेरा दिल बच्चे की तरह
प्यार और संभाल की चाहत रखता है
मां – पापा आप तो कल भी हमारी सेवा करते थे और आज भी खुद की सेवा कर ही रहे हो….
क्या आप थकते नहीं हो….
कुछ दिन अगर घर से बाहर न निकल पाऊं,तो दम घुटने लगता है।
मां – पापा आप आज भी इक दूजे के साथ अपने आशियाने को कुछ घंटों के लिए भी खाली नहीं छोड़ते
क्या आप थकते नहीं हो….
जन्मदिन,या शादी की सालगिरह को एक महोत्सव की तरह मनाने की चाहत और अपेक्षा हर किसी को होती है
मां – पापा आप सभी खास दिनों को भी आम दिनों की तरह जीते हो
क्या आप थकते नहीं हो….
मैं जानती हूं। मां – पापा आप आज भी हर गम और खुशी आपस में ही बांट लेते हो….
उम्मीद तो आपने सालों पहले ही दफना दी अपने दिलों में
ना उम्मीद होकर भी,खुदा की रहमत पर शुक्र अदा करते हो….
मुझे खुशी है कि, मेरे मां -पापा आज भी मालिक की दया से किसी पर बोझ नहीं है
और मुस्कुरा कर कहते हैं कि, हमारी बिल्कुल चिंता मत करना बेटा, तुम्हारे मां-पापा बहुत स्ट्रांग हैं
आज भी वो थकते नहीं हैं…..
और मैं उनके इस जवाब में भी उनके अनकहे अल्फाज़ को महसूस कर लेती हूं
दीपाली कालरा