मां कृपा दृष्टि कर दे
मां शारदे अपनी कृपा दृष्टि कर दे
हे! वीणा पाणिनी वर दे माँ,
विद्या बुद्धि यश दे माँ ।
ज्ञान सुधा रस दे माँ,
हे! जग जननी देवी शारदे माँ, कृपा दृष्टि कर दे।
शब्द कोश अक्षय दे माँ ।
कर रवि ज्ञानोदय दे माँ,
झंकृत संगीत के सुर दे माँ , कृपा दृष्टि कर दे।
हे!मयूर वाहिनी व्योम प्रसारिणी,
अनुनय और विनय दे माँ ।
जनजीवन को अलंकृत कर दे माँ,
निज कृपा कौर से सुमति दे माँ, कृपा दृष्टि कर दे।
हे! हंसवाहिनी धवल वस्त्रधारणी,
जन-गण-मन को जय दे माँ ।
सदगुणों का अभयदान दे माँ,
हृदय तिमिर विनाशनि वर दे माँ कृपा दृष्टि कर दे।
सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान