मां की महिमा ( मातृ दिवस पर विशेष)
मां ईश्वर का नाम है दूजा,
मां के सिवा मीत न दूजा ।
मां प्रेम का है दूजा नाम ,
मां को है हजारों सलाम ।
मां से बढ़कर ना कोई मंदिर ,
मां के चरणों में है सारे तीर्थ ।
स्वर्ग भी निम्न है मां के समक्ष,
सारा जगत गौण इसके समक्ष।
ये दुनिया है कांटों का गुलशन,
मगर बड़ा सुखदाई मां का दर्शन ।
मां है एक अनमोल कीमती रत्न,
मां के आगे फीके बेशकीमती रत्न।
मां की कद्र करो दो बहुत सम्मान ,
स्वयं को मिटाकर भी रखो मां की आन ।
मां जिसके पास भाग्यशाली वो संतान,
मातृभक्त पर करते सदा कृपा भगवान ।
तभी तो अवतार लेने हेतु हर युग में ,
मां को ही चुना उन्होंने है युग में ।
जिसका करते आए स्वयं ईश भी वंदन ,
अतः सदा करो मां की महिमा को नमन ।