“मां की ममता”
क्या लिखूं उस मां के लिए,
जो शून्य से अंक बनाया,
क्या लिखूं उसकी ममता,
जो खुद रो कर, मुझे रोने न दिया,
क्या लिखूं उसकी त्याग पर,
पूरी रात जाग कर ,मुझे सुलाया,
क्या लिखूं उसकी समझ,
मेरी तोतली बोली, लोगों को समझाया,
क्या लिखूं उस बेटे पर,
मां के बूढ़ी आवाज इसारो को नही समझ पाया,
क्या लिखूं उस बेटे का प्यार,
जो बूढ़ी मां को, पत्नी प्रेम में,
वृद्धा आश्रम में पहुंचाया।।