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1 Mar 2021 · 1 min read

मां की तरसती निगाहें

किसी को तो ढूंढ रही है
ये तरसती निगाहें
कुछ तो कहना चाहती है
ये तरसती निगाहें
आज आंसुओं से भरी है
ये तरसती निगाहें
खिड़की से झांक रही है
जो ये तरसती निगाहें।।

बात हुई तो ये पता चला
उसका भी एक बेटा है
जो दूर विदेश में रहता है
जल्द मिलने आऊंगा मां
हर बार यही कहता है।।

बड़े नाजों से उसको पाला है
जो मां को बहुत ही प्यारा है
उसके बुढ़ापे का वो सहारा है
जिसको मां के दिल ने पुकारा है।।

आज नहीं तो कल आएगा
उसको भी तो मां की फिक्र है
भूल गया वो मां को ऐसा नहीं
उसकी हर बात में मां का ज़िक्र है।।

देखना चाहती है मां अब
अपने बेटे को जी भरकर
अब उसको चैन मिलेगा
बस पोते को गले लगाकर।।

याद आ रहा उसको अब
वो बचपन का गुज़रा ज़माना
जब बेटा कहता था उसको
मां अकेले छोड़कर ना जाना।।

अकेले आज मां रह गई
बेटे के भविष्य की खातिर
ढूंढ रही है निगाहें उसकी
दिख जाए मेरा नन्हा शातिर।।

आज वो दिन आ गया
जब बेटा घर आ गया
देखने को थी बेकरार
मां की आंखें जिसको
वो पोता भी आ गया।।

आज मिल गया जिसे ढूंढ रही थी
मां की वो तरसती निगाहें
सब कह गई जो कहना चाहती थी
मां की वो तरसती निगाहें
खुशी के आंसुओं से भरी है आज
मां की वो तरसती निगाहें
खिड़की भी बंद है जिससे झांकती थी
मां की वो तरसती निगाहें।।

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 660 Views
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