मां का निधन
मां का निधन
भ्रमण पर आए महिला-पुरुषों में सुमन के फोन की घंटी बजी।
वह फोन सुनते ही रोने लगी। पूछने पर बताया कि मां नहीं रहीं।
वह एक सांस में रट लगाए थी। मुझे अभी जाना है। मां के अंतिम दर्शन करने हैं।
एक सहयात्री उसकी वापसी के लिए गाड़ी का प्रबंध करने के लिए निकला।
कुछ ही समय में वह गाड़ी लेकर आ गया। आकर सुमन से बोला, “आपके लिए गाड़ी का प्रबंध हो गया।
लेकिन सुमन के रंग-ढंग बदले हुए थे।
सुमन ने कहा, “गाड़ी वापस भेज दो। मैं टूर पूरा करके ही वापिस जाऊंगी। अभी फोन पर फिर से बात हुई है। मेरे पति ने बताया कि मेरी मां नहीं, मेरे पति की मां की मृत्यु हुई है।”
एक सहयात्री बोली, “सासु मां भी मां ही होती है।”
सुमन ने जवाब दिया, “उनका बेटा है ना वहाँ। दो दिन बाद मैं भी चली जाऊंगी।”
उसकी बात सुन सभी पर्यटक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार निकल पड़े।
-विनोद सिल्ला