मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
जय जय हो देवी कात्यायनी,
षष्ठम दुर्गा मां उमा भवानी।
महिषासुर घाती देवी महारानी,
अदभुत पराक्रमी देवी मां वरदानी।
चतुर्भुजी मां जगदम्बे सबकी रक्षक,
सिंह सवारी दुष्ट दैत्यों की है भक्षक।
एक हस्ते तलवार धरे दूजे कमल पुष्प,
सुनहरी कांति से दमकता अलौकिक रूप।
कात्यायन ऋषि के घर जन्मी माता शेरावाली,
सुर संतजनों की सदा रक्षा करने वाली।
नवरात्रि में इनको जो जन पूजते,
होती देवी प्रसन्न चारों फल हैं मिलते।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़