मां और पिता के आंसू।
मां और पिता के आंसू,
क्या सयाने हो चुके बच्चों में,
उतनी मार्मिकता उगा पाते हैं,
जितना वे ,
माता पिता का ह्रदय गलाकर बाहर आते हैं,
उत्तर पाने के प्रयास में,
स्वयं में झांकता हूँ,
और यह निष्कर्ष पाता हूँ,
इस सवाल का जबाब ,
न ढूंढना ही बेहतर है,
क्योंकि हम सभी औलादों के दिल का,
कुछ हिस्सा पत्थर है।