मांगती माटी कुर्बानी
मांगती माटी कुरबांनी कौन होगा देश पर कुर्बान
फ़िज़ां ऐ दिल में हरसू रहता सबके मेरा हिन्दुस्तां
भारत माँ की आँखों बहते अश्को कहते मेरे वीरों
सौ सौ बार मरकर भी जी उठेगा अम्र शहिद जवाँ
अशोक सपड़ा की कलम से
मांगती माटी कुरबांनी कौन होगा देश पर कुर्बान
फ़िज़ां ऐ दिल में हरसू रहता सबके मेरा हिन्दुस्तां
भारत माँ की आँखों बहते अश्को कहते मेरे वीरों
सौ सौ बार मरकर भी जी उठेगा अम्र शहिद जवाँ
अशोक सपड़ा की कलम से