मांँ की सीरत
अद्भुत ममता की मूरत है,
होती नहीं मांँ जैसी कोई सीरत है ।
मांँ का एहसास जग से ऊपर ,
मांँ का प्यार रब से ऊपर ,
मांँ का आशीर्वाद सबसे ऊपर ,
मांँ रखे ख्याल अपने प्राणों से भी ऊपर ।
देती है अस्तित्व जीवन का ,
बिन मांँ के होता जन्म न पूरा ।
मांँ के आंँसू अमृत की बूंँदें ,
मांँ का आंँचल छत है जीवन का ,
मांँ का हृदय करुणा का घर है ,
मांँ के चरणों में पवित्र तीर्थ है ।
होता है अटूट बंधन,
बिन मांँ के यह जग है सूना ।
मांँ की बातें चाहत से प्यारी,
मांँ अगर डांँटे करती है चिंता,
मांँ की सांसो से कोख में है तू जिंदा,
मांँ से ऊंँचा कोई न संकल्प है ।
✍🏼✍🏼
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।