‘मांँ’ होना सौभाग्य है नारी !
प्रसव पीड़ा एक मांँ ही जाने,
दर्द मिले फिर भी अपना ले,
धन्य है ‘मांँ’ वह नारी ,
दर्द भूल जाएं सुन किलकारी,
‘मांँ’ होना सौभाग्य है नारी …।
छोटे-छोटे दुख से है बचाती,
कोख से ‘मांँ’ खयाल है रखती,
आजीवन प्यार का आंँचल है बिछाती,
कष्टों को हृदय से है लगाती ,
‘मांँ’ होना सौभाग्य है नारी …..।।
‘मांँ’ का दर्द सहना है भारी ,
‘मांँ’ की ममता सबसे है न्यारी ,
जीवन को न्योछावर कर देती,
प्रसव वेदना से नहीं डरती ,
‘मांँ’ होना सौभाग्य है नारी ….।।।
???
#बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।