माँ
जिंदगी उन्हें कभी हराती कैसे ।
साथ दुआएँ जो माँ की लेते ।
कदमों में उनके आकाश झुके ।
जिनके सर माँ के आशीष रुके ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@….
जिंदगी उन्हें कभी हराती कैसे ।
साथ दुआएँ जो माँ की लेते ।
कदमों में उनके आकाश झुके ।
जिनके सर माँ के आशीष रुके ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@….