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9 May 2018 · 1 min read

माँ

एक सेतु सा बनाती
पिता और मेरे बीच
माँ

ममता का पेड लगाती
मधु फल भी खिलाती
माँ

दुख से राहत वो देती
सुबह की पावन धूप सी
माँ

पापा की डॉट से बचा
ढाल मेरी बन जाती है
माँ

कोख में था जब मैं
जहाँ से बेखबर था
माँ

समय की मार से
बड़ा सुरक्षित था मैं
माँ

सुंदर सबसे ठिठाना था
शीतलता मंद बयार सी
माँ

जब होता परेशां मैं
याद आ जाती है मुझे
माँ

अर्पण करूँ मैं क्या
तूने अर्पण अपना दिया
माँ

Language: Hindi
75 Likes · 420 Views
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