माँ
माँ तुम मेरे जीवन में
नव अरुणोदय सी
तुम ही जीवन की आशा हो
तुम से ही सारा घर रोशन है
सुख दुख की साथी हो
पराई बेटी को अपनाया
ममत्व अपना हम पर लुटाया
निश्चल प्रेम की सरल घार हो
बूढ़े बरगद सी घनी छांव हो
आज हमारी सर्वस्व तुम ही हो
होंठों पर मुस्कान सजा कर
हम पर दुलार लुटाती हो
अपने दुख आँखों की कोरो में छुपाती हो
मां तेरे आंचल की छांह में बच्चे खेले हैं
नित उन पर अपना प्यार उड़ेली हो
आप के जीवन में बार बार यह दिन आए
लाखों फूल मोहब्बत के खिलाएं