माँ
*मुश्किलों में हौंसला कोई देता नहीं
सारे अपने मतलब के मारे मारे से लगते हैं
प्रेम प्यार परवाह हैं , दुनिया में लेकिन
माँ ,तुम बिन सारे शब्द फिर बेकार से लगते है!!
अंजू.*
*मुश्किलों में हौंसला कोई देता नहीं
सारे अपने मतलब के मारे मारे से लगते हैं
प्रेम प्यार परवाह हैं , दुनिया में लेकिन
माँ ,तुम बिन सारे शब्द फिर बेकार से लगते है!!
अंजू.*