माँ
तेरे आँचल की वो छाँव,
मेरे वो नन्हें पाँव,
तेरा वो लोरी सुनाना,
मेरे काला टीका लगाना,
तेरा वो रातों को जागना,
मेरे पीछे पीछे भागना,
तेरी उँगली पकड़कर चलना,
मेरा कभी गिरना, कभी सँभलना,
तेरे हाथों में आज भी मेरी जन्नत है,
कुछ भी कर लूँ, कुछ भी पा लूँ,
बस तू, माँ! बस तू ही मेरी मन्नत है।