माँ
माँ
****
सूना घर जिसके बिन हर पल चहका करती ,
नेह भाव से निरख सभी को गहका करती,
गोदी में बैकुण्ठ प्यार को तरसें सुरगण,
माँ के आँचल में ही ममता महका करती ।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🪷🪷🪷
माँ
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सूना घर जिसके बिन हर पल चहका करती ,
नेह भाव से निरख सभी को गहका करती,
गोदी में बैकुण्ठ प्यार को तरसें सुरगण,
माँ के आँचल में ही ममता महका करती ।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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