माँ
वो सुबह जल्दी उठ जाती है,
एक एक कर सबको जगाती है,
किसी को नाश्ता, तो चाय पिलाती है,
सबको, औफिस और स्कूल भगाती है.
फिर सारे काम निपटाती है,
हर काम से निश्चिन्त हो जाती है,
फिर कहीं जाकर, कुछ खाती है.
ये भी तो, कितनी, अद्भुत, जिम्मेदारी है,
जिसे ये ईमानदारी से, निभाती है.
कोई और रिश्ता, दुनिया में,
ये कर नहीं सकता.
ये, माँ है, हमारी, और इनके हम है, आभारी.