माँ
ईश्वर ने एक सुंदर रचना बनाई
वो स्वयं न आ सका धरती पर
इसलिए उसने ये कृति भिजवाई
ये कोई और नही माँ कहलाई
ममता की मूरत हमने अपनी
ज़िंदगी मे पाई
हर माँ इतनी सुंदर यूँ देती है
दिखलाई
अनेक नाम है उसके माँ जननी
माई
माँ जैसा कोई न हो सका इस
दुनिया में
सारे सुख है उसके आँचल में
सिमटे
सारी खुशियाँ उसकी गोद में है
समाई।।