माँ
माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल।
जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल।
माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार-
चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।
माँ मेरी विनती सुनो, आया तेरे द्वार।
अज्ञानी हूँ ज्ञान दो, करना यह उपकार।
दे दो माँ सुख शांति सह, बल विद्या का दान-
और मुझे बस चाहिए, माता तेरा प्यार।
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’