माँ,
नींद में न जाने कितने अज़ाब देखा हूँ,
माँ की आंखों में मेरे लिए ख्वाब देखा हूँ,
मेरा लाल एक दिन तूँ बड़ा जरूर बनेगा,
मैं महकता हुआ आंख में गुलाब देखा हूँ,
कलेजा हमारे रुदन से जिनका फट गया,
उस माँ के न चाहने पे हिस्सों में बंट गया,
माँ ईश्वर है जन्नत के सिवा कुछ भी नहीं,
दिल दुखा उनका तो दुनिया से कट गया,