माँ
दुनिया मे सबसे प्यारी होती है, माँ।
स्वर्णिम जीवन की मजबूत क्यारी होती है, माँ।।
हर गम छुपा ले जो अपने आँचल में,
ऐसे व्यक्तित्व की परछाई होती है, माँ।।
दुनिया से हमें रूबरू करवाती है, माँ।
पापा से हमारी पहचान कराती है, माँ।।
सनातन गुरुओ की श्रेणी चार है,
शायद इसीलिए चारों में श्रेष्ठ कहलाती है, माँ।।
शिक्षक बन कुविचारों पर कुल्हाड़ी चलाती है, माँ।
अग्रिम पगराहो से कांटे हटाती है, माँ,
माँ की डांट भी सहना सीखो यारो,
डांट के बाद कोने में बैठ आंसू भी बहाती है, माँ।।
कहानी किस्सों से भी दिल बहलाती है, माँ,।
हम रूठ जाये तो पुचकार के मनाती है, माँ,।
सुख के हमराह मिल जाते हैं हजारों,।
दुख की घड़ी में भी अपना किरदार निभाती है, माँ।।
हजारों गम हो फिर भी खुशी से फूल जाती है, माँ।
बस एक बार जो हंस दे लाडला उसका,कसम से सारे गम भूल जाती है, माँ।।
माँ के दिल को न दुखाना कभी,
उनके कर्ज को न भुलाना कभी,
उनकी उम्मीदों को सार्थक बनाना है हमें,
चलो मातृ दिवस पर प्रण ले अभी।।
सभी माताओ को समर्पित,
लेखक-तरूण तिवारी