माँ
माँ है कभी भूली जाती नही
माँ की याद हमेशा सताती रही।
बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही।
माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही
रोटी खाकर भी भूख मुझे सताती रही
माँ के हाथों की बनी रोटी मुझे याद आती रही
माँ के डांटने की आवाज़ अब कही से आती नही
माँ अक्सर ख़्वाबों में मुझे डाँट सही राह दिखाती रही
सर में हाथ फेर माँ अब प्यार से सहलाती नही
माँ सपनों में आकर अपना आशीर्वाद देने आती रही
निस्वार्थ माँ की दुआ जैसी दुआ अब कही से आती नही
आज स्वार्थ के लिए दुनिया प्यार जताने आती रही
हर बार हाल चाल जो पूछे ऐसी आवाज़ सुनाई आती नही
जीवन के हर मोड़ पर माँ की आवाज़ तरसाती रही
मेरे हर कष्टों को भी स्वयं सह दर्द दिखाती नही
हर दर्द में मुझे हर पल माँ की याद आती रही
मुझे हंसाने के लिए ग़म अपने छुपाती रही
मेरु चेहरे की खिलखिलाहट भी माँ को भूल पाती नही
माँ है कभी भूली जाती नही
माँ की याद हमेशा सताती रही
भूपेंद्र रावत
3।08।2017