माँ
आंचल तुम्हारा दरख्तों की छाया है माँ,
हर धूप से टकराना तुमने सिखाया है माँ,
तुम बेशक कहीं दूर सितारों में रहने लगी,
मेरे सर पर हमेशा तुम्हारा ही साया है माँ !
आंचल तुम्हारा दरख्तों की छाया है माँ,
हर धूप से टकराना तुमने सिखाया है माँ,
तुम बेशक कहीं दूर सितारों में रहने लगी,
मेरे सर पर हमेशा तुम्हारा ही साया है माँ !