माँ
माँ के मुँह से निकली दुआयें आसमान तक पहुँची,
वही दुआयें शायरी बनकर मेरी ज़बान तक पहुँची।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना मत पूछिये फिर ,
ख़ुदा की रहमतें जब मेरे मकान तक पहुँची।
___ अब्दुल मोईद सफ़ीपुरी
पता- सफ़ीपुर (उन्नाव) उत्तर प्रदेश
माँ के मुँह से निकली दुआयें आसमान तक पहुँची,
वही दुआयें शायरी बनकर मेरी ज़बान तक पहुँची।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना मत पूछिये फिर ,
ख़ुदा की रहमतें जब मेरे मकान तक पहुँची।
___ अब्दुल मोईद सफ़ीपुरी
पता- सफ़ीपुर (उन्नाव) उत्तर प्रदेश