माँ
प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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माँ
01.
माँ का आँचल
छँट जाते दुःख के
घने बादल ।
–0–
02.
खुशियाँ लाती
तुलसी चौंरे में माँ
बाती जलाती ।
–00–
03.
लिखा माँ नाम
कलम बोल उठी
ये चारों धाम ।
–000–
04.
माँ केवल माँ
नहीं इसके लिए
कोई उपमा ।
–0000–
♢ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
मो.नं.-7828104111