माँ है वो
माँ है वो ,जानती है सब
तेरे लफ़्ज़ों का बनावटी पन
मुँह से निकले हर अल्फ़ाज़ का मतलब
माँ के पास हर धूप और छांव का हिसाब है
तहज़ीब और अच्छे किरदार की किताब है
तेरे बेबुनियाद सवालों का भी जवाब है
अभी तो तय किया है कुछ ही सफर तूने
माँ के बनाए रास्ते पर चलना दूर की बात है।।
©✍️अरुणा डोगरा शर्मा