माँ है वो मेरी !
कौन है वो जो, मेरे ‘ऐब’ को भी आंचल समोता है
‘खूबियों’ को भी मेरे, अपने दामन में संजोता है।
देखने वालों ने बस अपनी आँखों की पुतली से देखा है
किसी ने ‘खूबी’ किसी ने बस ‘ऐब’ को ही मेरे देखा है।
वो माँ है मेरी जिस ने बस अपने मन से मुझ को देखा
‘ऐब’ के सर पे भी खूबियों को हरदम रख के देखा।
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09-05-2019
… सिद्धार्थ…