माँ ही हैं संसार
मां ही सबकुछ मां ही ज्ञान, मां ही हैं संसार l
बिन मां के संसार में, लागत सब भंगार ll
पैदा किया उठाये कष्ट, सबकुछ दुनिया भूल l
मुझको मां ही लाई हैं, बनकर के एक फूल ll
सर्दी हो या गर्मी, कष्ट सहे अनेक l
सब देवों में देव हैं, केवल मां ही एक ll
पढ़ा लिखा कर हमको मां ने, मानव दिया बनाय l
जीवित रहे बने हितकारी, केवल एक उपाय ll
सच्ची सेवा मां मानव की, होगा एक वरदान l
मात पिता मेरे परमेश्वर, जीवन हो बलिदान ll
मां ही सबकुछ मां ही ज्ञान, मां ही हैं संसार l
बिन मां के संसार में, लागत सब भंगार ll
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लोधी श्याम सिंह तेजपुरिया
सर्वाधिकार सुरक्षित
13/10/2023