माँ स्वर्गसिधारी
*****माँ स्वर्गसिधारी*****
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आँखों में हैं आँसू ,दिल में प्यास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
याद आते हैं माँ के मीठे बोल
शब्द कर्णप्रिय थे,ना कोई मोल
शाम सवेरे हो तुम्हारी अरदास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
रम्यता भरा अंगण था तेरे साथ
फलते – फूलते थे हम तेरे साथ
तेरी साये तले न कोई उदास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
जोड़ने का था तुझ में कोई मंत्र
तेरे सानिध्य में धन्य था घर तंत्र
प्रफुल्लित हो जाते सभी प्रयास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
घर संसार में तुम जैसा ना सानी
सारे गुण हैं गाते तेरे जानी
सुखविंद्र तेरे बिन दुखी है उदास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
आँखों में हैं आँसू ,दिल में प्यास
माँ स्वर्गसिधारी , स्वर्ग में वास
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)