माँ से कहाँ तक : कविता की पहुँच
सहलाया था पहली बार ,अम्मा ने मुझे कविता से;
जब-जब रोया, बहलाया था उसने मुझे कविता से ।
दादी नानी ने लोरी बनाई, बनाई एक कविता से,
राष्ट्रगान बन आजादी आई, आई एक कविता से।
गांधी से अन्ना तक , क्रांति जगाई एक कविता से,
बाबा तुलसी ने रामायण लिख दी, लिखी एक कविता से ।
होली सीमा पर रोज मानते, मनाते एक कविता से,
गोली खाते फौजी भाई, रोज एक कविता से ।
वैसी ही मैंने कोशिश कर ली, करी एक कविता से,
शेयर बटन ऐसे दबा दो, लगे शेयर कविता से ।
राजीव शर्मा ‘मथुरा’
कवि सम्मलेन में आमंत्रित करने के लिये आप राजीव शर्मा की टीम से 8650640214 पर संपर्क कर सकते हैं ।