माँ सरस्वती
कमल पर शोभती माता कहाँ वीणा
बजाती हो….
कहाँ तु हंस पर बैठी मधुर संगीत गाती हो
जिधर मैं दृष्टि करती हूँ, उधर तुम बैठीं
रहती हो…
कमल पर शोभती माता…….
लगाया फुल आशा से पराया प्रेम पानी से…
कमल पर शोभती माता……
कमल पर शोभती माता कहाँ वीणा
बजाती हो….
कहाँ तु हंस पर बैठी मधुर संगीत गाती हो
जिधर मैं दृष्टि करती हूँ, उधर तुम बैठीं
रहती हो…
कमल पर शोभती माता…….
लगाया फुल आशा से पराया प्रेम पानी से…
कमल पर शोभती माता……