माँ शारदे
माँ शारदे
कर मे लेकर पुष्प हार
करते वंदन शत शत बार
हमको अज्ञानता से तार दे **
माँ शारदे माँ शारदे।
आये शरण में तुम्हारे
तू अंधेरो से निकाले।
तुम बिन कोई न हमारे
ज्ञान का भंडार दे।
माँ शारदे माँ शारदे।
हाथ वीणा पुस्तक धारे
श्वेत वसन है तुम्हारे ।
करती जीवन में उजारे।
हमको भी तार दे
माँ शारदे माँ शारदे।
कर को जोड़ हम पुकारे
आये शरण में तुम्हारे
ज्ञान का भंडार दे
माँ शारदे माँ शारदे।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र