** माँ शारदे **
माँ शारदे
माँ शारदे अब भव-तार दे
मुझको अब नव संसार दे
अज्ञान- तिमिर गहन -वन
दावाग्नि – जीवन संवार दे ।।
?मधुप बैरागी
बेकाबू है आज दिल अपना यारो
फिर कहो स्वप्न कैसे हो काबू यारो
दिन फिर भी निकल जाता है सब्र
रात बेकाबू – काबू कैसे हो यारों ।।
?मधुप बैरागी