“माँ मेरी”
दिल को जो सुकून दिलाये, लोरी गा के हमें सुनाये.
माँ मेरी खुद जागे, लेकिन मुझे सुलाये.
चोट कभी जो मुझको लग जाये,
माँ मेरी इतना घबराये.
आँखो मे भर आंसू, सीने से मुझको लगाये.
दिल को जो सुकून दिलाये, लोरी गा के हमें सुनाये.
माँ मेरी खुद जागे, लेकिन मुझे सुलाये.
बिना स्वार्थ वो प्यार करें, मेरी खातिर सब से लड़े.
सोये खुद गीले पर, लेकिन मुझे नहीं जगाये.
दिल को जो सुकून दिलाये, लोरी गा के हमें सुनाये.
माँ मेरी खुद जागे, लेकिन मुझे सुलाये.
किया बुरा किया भला ना जाने है,
उसके कदमो मे जन्नत सारी दुनिया माने है.
दौलत किया उससे बड़ी, जो माँ को गले लगाये.
दिल को जो सुकून दिलाये, लोरी गा के हमें सुनाये.
माँ मेरी खुद जागे, लेकिन मुझे सुलाये.
करवट ले- ले जागी है, हर पल पीछे भागी है.
ममता सी प्यारी सूरत, भगवान की जैसी मूरत.
खुद भूखी रहे, मुझको खिलाये.
दिल को जो सुकून दिलाये, लोरी गा के हमें सुनाये.
माँ मेरी खुद जागे, लेकिन मुझे सुलाये.