मुक्तक ( माँ)
प्यारी माँ मेरी ज़िन्दगी हो तुम
ग़म भरी शब की रौशनी हो तुम
मर्तबा आला है तुम्हारा माँ
तुम इबादत हो बन्दग़ी हो तुम
प्रीतम राठौर भिनगाई
प्यारी माँ मेरी ज़िन्दगी हो तुम
ग़म भरी शब की रौशनी हो तुम
मर्तबा आला है तुम्हारा माँ
तुम इबादत हो बन्दग़ी हो तुम
प्रीतम राठौर भिनगाई