माँ मातृ शक्ति महान
माँ मातृ शक्ति महान
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माँ मातृ शक्ति महान है,
बसता जिसमें जहान है।
खुद तो वो भूखी रहती,
दुख-सुख अकेले सहती,
चेहरे दिखता निशान हैं।
माँ मातृ शक्ति महान है।
छोटे कहते माँ है मेरी,
बड़े सोचते माँ है तेरी,
घर का होती दीवान है।
माँ मातृ शक्ति महान है।
ममता-मोह तो बाकी है,
मातृदिवस ही काफी है,
सांसें उसकी कुर्बान है।
माँ मातृ शक्ति महान है।
चुपरहकर सब सहती है,
बदले में वो न कहती है,
भोली सूरत मेहरबान है
माँ मातृ शक्ति महान है।
परीलोक में माँ है जाती,
वापिस फिर वो न आती,
मनसीरत माँ ही मान है।
माँ मातृ शक्ति महान है।
माँ मातृ शक्ति महान है।
बसता जिसमे जहान है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)