“माँ” (माँ से मोहब्बत)
होगा उस को भी नाज़ वफ़ा पे अपनी,
जो भी करेगा मोहब्बत ‘माँ’ से अपनी ।।
मुसीबत को पास मेरे आने नहीं देती,
टाल देती है बला को ‘दुआ’ से अपनी ।।
~#हनीफ़_शिकोहाबादी
होगा उस को भी नाज़ वफ़ा पे अपनी,
जो भी करेगा मोहब्बत ‘माँ’ से अपनी ।।
मुसीबत को पास मेरे आने नहीं देती,
टाल देती है बला को ‘दुआ’ से अपनी ।।
~#हनीफ़_शिकोहाबादी