माँ भगवते
माँ भगवते आ सदन मेरे पधारिए
दे कृपा का प्रसाद हमें उबारिए
व्याकुल हो अवनि कर रही चीत्कार
मच रहा है चारों ओर हाहाकार
आ शक्ति स्वरूपा हमको संभालिए
माँ भगवते आ सदन मेरे पधारिए
झूठ, फरेब का फैला इन्द्रजाल
दीखता जन को प्राणों का है जंजाल
शैलपुत्री आ कर धीरज हमें धराईए
माँ भगवते आ सदन मेरे पधारिए
देखो माँ आज नर नारि है अकुलाये
समय की भारी मार से है ये भरमाए
तपश्चारिणी रूप दिखा तेज से तपाईए
माँ भगवते आ सदन मेरे पधारिए
देखो माँ जन मन है ऊथल पुथल
प्रश्नों का मिलता है न हमको हल
आ कर माँ मन शान्ति विश्वास जगाइए
माँ भगवते आ सदन मेरे पधारिए